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Paytm कभी खाने के पैसे नहीं थे विजय शेखर के पास, ऐसे खड़ी की 1 लाख करोड़ रुपये की company

विजय शेखर शर्मा: संघर्ष से सफलता की कहानी

एक प्रेरणादायक यात्रा: विजय शेखर शर्मा,

Paytm के संस्थापक और सीईओ, उन चुनिंदा लोगों में से एक हैं जो असफलता से उबरकर सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचे हैं। उनकी कहानी हमें सिखाती है कि हार ना मानने और दृढ़ संकल्प रखने से कुछ भी असंभव नहीं है।

शुरुआती संघर्ष:

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ शहर से ताल्लुक रखने वाले विजय एक मध्यमवर्गीय परिवार से आते हैं। उनकी शिक्षा हिंदी माध्यम के सरकारी स्कूलों में हुई, जिस कारण उन्हें इंजीनियरिंग कॉलेज में अंग्रेजी के साथ संघर्ष करना पड़ा। हालांकि, उन्होंने हार नहीं मानी और शब्दकोश से अंग्रेजी सीख ली।

15 साल की उम्र में उद्यमशीलता की शुरुआत: 15 साल की उम्र में ही विजय ने indiasite.net नामक वेबसाइट बनाई और मात्र दो साल बाद ही इसके लिए उन्हें एक मिलियन डॉलर मिले। यहीं से उनकी उद्यमशीलता की यात्रा शुरू हुई।

Paytm का जन्म: अपने अनुभवों से प्रेरित होकर, विजय ने महसूस किया कि लोगों को छोटे भुगतान के लिए नकदी की परेशानी से छुटकारा दिलाने की जरूरत है। इस विचार से उन्होंने One97 Communications Ltd. के तहत Paytm की शुरुआत की।

Paytm की सफलता: 2005 में शुरू हुई One97 Communications कंपनी मोबाइल कंटेंट जैसे न्यूज, क्रिकेट स्कोर, रिंगटोन और परीक्षा परिणाम उपलब्ध कराती थी। 2010 में, इस कंपनी से Paytm का जन्म हुआ। बाजार में अन्य मोबाइल रिचार्ज सेवाएं मौजूद थीं, लेकिन Paytm का सरल और आसान सिस्टम इसे अलग बनाता था। समय के साथ Paytm ने ऑनलाइन वॉलेट, बिल पेमेंट, मनी ट्रांसफर और ऑनलाइन शॉपिंग जैसी सुविधाएं जोड़ीं। आज Paytm भारत का सबसे बड़ा मोबाइल पेमेंट और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म बन चुका है।

विजय शेखर शर्मा की विरासत: विजय की कहानी न केवल आर्थिक सफलता बल्कि दृढ़ता और कड़ी मेहनत की भी कहानी है। वे उन लाखों लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं जो अपने सपनों को साकार करना चाहते हैं।

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